खुद की पहचान
खुद की पहचान
मेरी जगह लेना है तुम्हें ?
तो आओ एक राज बताती हूं
अपनी जगह के बारे में।
बाहर से चेहरे पर
मुस्कान दिखती होगी तुम्हें ?
पर एक बार अंदर झांक कर देखना,
शायद उस मुस्कान के पीछे
एक आंसू भी दिखेगा।
वह ज्यादा बोलने वाली लड़की के
पीछे एक अकेलापन दिखेगा तुम्हें ?
वह बच्ची से किरदार निभाने वाली लड़की के
पीछे एक समझदार सी लड़की दिखेगी तुम्हें ?
वह बेफिक्र सी लड़की के पीछे
एक फिक्र करने वाली लड़की दिखेगी तुम्हें?
इं
सान बाहर से चाहे जैसा भी
दिखने का कोशिश क्योंं ना कर ले,
उसे अंदर से समझना बहुत मुश्किल होता।
किसे कौन सी तकलीफ से गुजरनी
पड़ती है यह किसी को नहीं पता,
तो हम होते कि कौन है
दूसरों के बारे में बोलने वाले ?
एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए
जिसे जो किरदार निभाने को दिया गया है
उनसे बेहतर वह किरदार
कोई नहीं निभा सकता।
तो दूसरों की तरह या उनकी
जगह लेने के बारे में मत सोचो।
खुद को पहचानो और
खुद के लिए जगह बनाओ।