हम हैं एक दूसरे के लिए
हम हैं एक दूसरे के लिए
एक ही तने पर दो पत्ते होते हैं
हिंदू और मुस्लिम
मुसलमान उसकी आँख का गहना है,
हिंदू उसकी आत्मा है।
एक है मां की गोद में आसमान
रबी-शशि के झूले के रूप में,
एक ही छाती के नीचे खून, नाड़ी का भी एक ही तनाव।
मोरा उस देश की खाई हवा में से एक है,
उस देश का पानी
वही फूल और फल एक ही माँ की गोद से निकलते हैं।
दोनों ही इस देश की धरती पर पाये जाते है,
कोई कब्र, कोई श्मशान में जाते है।
सभी अपनी माँ को एक भाषा में बुलाते हैं
सभी मिलकर एक ही धुन में गाना गाओ।।
पहचानते नहीं अँधेरी रात में
कर देते हैं हमला,
सुबह होगी भाई
मुझे नहीं पता भाई।
रोते समय अपना गला पकड़ें,
एक दूसरे से माफ़ी मांगे हँस के।
हम एक ही मां के लाल हैं,
हमारे बीच में आई कहाँ से जाति
अस्पताल में जब तुम होते भर्ती
खून चढ़े जब, क्या जाति देख कर चढ़ता हैं।
हम एक हैं, हमें एक ही रहना हैं।
उस दिन शान से हंसेगा ये हिंदुस्तान....
