क्या है यह दिवाली?
क्या है यह दिवाली?
दीवाली की रोशनी की चमक में, बहुत उज्ज्वल,
खुशियों का त्योहार, रात को दूर भगाता है।
मोमबत्तियाँ टिमटिमाती हैं, दीपक जगमगाते हैं,
उन परछाइयों को दूर भगाना जो नीचे टिकी रहती हैं।
चमकीले रंगों से सजे घर,
पटाखे फोड़े जा रहे हैं, कहानियाँ दोहराई जा रही हैं।
हवा में उल्लास और हँसी भर जाती है,
एक ऐसा समय जब सभी बोझ हम साझा करते हैं।
दुखों को भूल जाओ, उन्हें मिटने दो,
दीवाली की गरमाहट में, खुशियों को झरना दें।
परिवार इकट्ठे होते हैं, दिल एकजुट होते हैं,
शुद्ध प्रकाश से अंधकार पर विजय प्राप्त हुई।
मिठाइयों का आदान-प्रदान, एक मीठा भाव,
दीवाली का जादू, प्यार की धड़कन।
देवी लक्ष्मी, दिव्य आशीर्वाद,
हर कोने में खुशियाँ चमके।
तेज़ लपटें और टिमटिमाती आँखें,
तारों से जगमगाते आसमान के नीचे.
दीवाली, बहुत भव्य त्यौहार,
इस आनंदमय भूमि को एक साथ बांधना।
लालटेन को उड़ने दो, जैसे सपनों को उड़ान भरने दो,
दीवाली की चमक में, सब कुछ उज्ज्वल है।
गर्मजोशी को गले लगाओ, प्रेम को प्रज्वलित होने दो,
दुखों को भूलकर, खुशी में एक हो जाओ।