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Vijaykant Verma

Inspirational

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Vijaykant Verma

Inspirational

माँ

माँ

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मां- जिसके प्यार में निर्मलता हो पावनता हो कोमलता हो वो सिर्फ एक मां ही होती है वो मां~ जो उस समय से तुम्हारे साथ है जब तुमने अपना कदम भी न रखा था इस दुनियां में वो कल थी तुम्हारे साथ वो आज भी है तुम्हारे साथ तुम्हारे दुख में तुम्हारे सुख में तुम्हारी हर तक़लीफ़ में क्योकि तुम्हारी मुस्कान और तुम्हारी खुशियों से ही जुड़ी है उसकी हर खुशियां उसके हर सपने और उसका अपना भविष्य..

तुम्हें लगता होगा शायद कभी कि तुम्हारी माँ गलत है स्वार्थी है रूढ़िवादी है.. लेकिन समय सदा एक सा नहीं होता है दोस्त समय के साथ साथ सब कुछ बदल जाता है क्या तुम नहीं बदले हो..?

विचारों के न मिलने का अर्थ ये कभी नहीं होता कि प्रेम मर गया वात्सल्य मर गया और रिश्तों की हो गई इतिश्री.. अगर विचारों में विषमतायें हैं भी तो उन्हें तर्क से बदलो उनमें परिवर्तन लाओ पर मां को त्यागने की भूल तुम कभी न करना कभी न करना कभी न करना !


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