हाले दिल
हाले दिल
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हाले दिल क्या सुनाऊं दोस्त
उनका दिल पत्थर का
अपना दिल शीशे का
हर पल टूटता है
जिस्म को लहूलुहान करता है
फिर भी उन्हीं के गीत गाता है
क्योंकि प्यार सिर्फ एक बार होता है
अब जिंदगी मिले या मौत
होता वही है
मुकद्दर में जो लिखा होता है
हाले दिल क्या सुनाऊं दोस्त
उनका दिल पत्थर का
अपना दिल शीशे का
हर पल टूटता है
जिस्म को लहूलुहान करता है
फिर भी उन्हीं के गीत गाता है
क्योंकि प्यार सिर्फ एक बार होता है
अब जिंदगी मिले या मौत
होता वही है
मुकद्दर में जो लिखा होता है