विनाश का बटन कभी न दबे ..!
विनाश का बटन कभी न दबे ..!
विनाश का बटन कभी न दबे ..!
===================
दादी रही, न दादा
न नानी रहीं, न नाना
क्योंकि आना और जाना इस दुनिया की रीत है
दुख और सुख
सत्य और असत्य
जन्म और मरण के प्रावधान से बनाई गई इस दुनिया में
जब एक पत्ता भी ईश्वर की मर्ज़ी के बिना हिल नहीं सकता
फिर इंसान के हाथ में क्या है..?
जिंदगी में कर्मों का रिमोट ईश्वर के हाथ में है
इसलिए ईश्वर से यही प्रार्थना है
अच्छे कर्मों का बटन निरंतर दबता रहे
बुरे कर्मों का बटन कभी न दबे
सृजन का बटन दबता रहे
विनाश का बटन कभी न दबे
जिससे इस दुनिया की सुंदरता सदा कायम रहे ..!
~विजय कांत वर्मा
