मेरा देश जश्न में मग्न हुआ
मेरा देश जश्न में मग्न हुआ
मेरा देश जश्न में मग्न हुआ
नीरज के स्वर्णिम भाले से,
हर कोना देश का महक रहा
हॉकी के दिन लौट आने से।
सिंधु ने जो परचम लहराया
ध्वज सिंध तक भी फहराया,
बजरंग रवि की बाजुओं से
कुश्ती में दमखम हुआ हमारा।
मीराबाई की लिफ्टिंग पावर से
सिर गर्वित ऊंचा हुआ हमारा,
लवलीना के स्फूर्तित पंचों से
घर घर लहराया तिरंगा हमारा।
महिला हॉकी की ये गाथाएं
घर - घर में सुनाई जाएगी,
अदिति दीपक के संघर्ष का
इतिहास भी पढ़ाया जाएगा।
खेलों की इस पावन धरती पर
चहुंओर तिरंगा अब लहराएगा,
पूर्व से पश्चिम दक्षिण उत्तर में
भारत भारत अब हर्षाएगा।