JNV DAUSA, BA HONS & M.A.(ECONOMICS) @ UNIRAJ, IRTS(IAS,2013 BATCH)
मैं लिखता हूँ वो कविताएँ, जो बयाँ करती हैं — अनकही, अनसुलझी दास्तानें. मैं लिखता हूँ वो कविताएँ, जो बयाँ करती हैं — अनकही, अनसुलझी दास्तानें.
बेरंग सी ये रातें हैं, ना चाँद है, ना उजाले हैं। बस खामोशियों की चादर में, तेरी यादों के हवाले हैं। बेरंग सी ये रातें हैं, ना चाँद है, ना उजाले हैं। बस खामोशियों की चादर में, तेरी ...
दर से दर को भटका मुसाफिर ना प्यार मिला ना यार मिला, तन से मन से थका मुसाफिर चैन मिला ना सुकून मिला। दर से दर को भटका मुसाफिर ना प्यार मिला ना यार मिला, तन से मन से थका मुसाफिर चैन ...
*** एक ख़्वाब ***<br><br>सागर के तट पर हाथ पकड़े,<br>मैने उन्हें चहकते देखा है,<br>बिछड़ने के अंदेशे... *** एक ख़्वाब ***<br><br>सागर के तट पर हाथ पकड़े,<br>मैने उन्हें चहकते देखा है,<...
सावन में तेरे इंतजार में महबूब को तड़पते देखा है। सावन में तेरे इंतजार में महबूब को तड़पते देखा है।
इश्क ने कंधों पर सिर रखकर जीने का हौसला बढ़ाया, इश्क ने कंधों पर सिर रखकर जीने का हौसला बढ़ाया,
कुछ ख़्वाब जो देखे थे वो अब टूटे नजर आने लगे हैं। कुछ ख़्वाब जो देखे थे वो अब टूटे नजर आने लगे हैं।
आज की रात बेखौफ रात है, काली तो है पूर्ण काली रात। आज की रात बेखौफ रात है, काली तो है पूर्ण काली रात।
फिर से अपने अफसाने की किताब लिखते हैं। फिर से अपने अफसाने की किताब लिखते हैं।
हर कठिनाई पर साथ रहे थे फिर ये घर किसका जल रहा। हर कठिनाई पर साथ रहे थे फिर ये घर किसका जल रहा।