समय आएगा ही ..
समय आएगा ही ..
घनघोर अंधेरा हो छाया या घेरा हो हताशा ने,
समझ आए ना उथल पुथल कुछ ऐसी हो जीवन में ,
स्मरण रहे ऐ मन मेरे की समय चक्र रुकता नहीं,
बीत जाएगी बोझिल सी लगने वाली यह घड़ियाँ भी
समय आएगा ही फिर से ख़ुशियाँ होगी हृदयाँगन में।।
ना परवाह कर कटाक्ष की दुनिया का काम है ये,
बढ़ कर्तव्य पथ पर तू अटल हो पूर्ण निष्ठा से ,
कर नव चिंतन भर के मन में अपने नूतन उत्साह,
सूरज को भी ढक लेते है कुछ क्षण काले बादल,
फिर दोगुनी ऊर्जा से प्रकट होता है नील गगन में।।
फैला कर बाहों को जीवन का आलिंगन कर ले,
रख विश्वास स्वयं पर और स्वप्न नए तू बुन ले,
कर प्रज्वलित हिम्मत की ज्वाला कुछ ऐसी मेरे मन,
ना मरने दे आशाओं को मुस्कुरा थोड़ा खुल कर
समय आएगा ही थमी सी ज़िन्दगी दौड़ेगी फिर से।।
