सच्ची मुस्कान
सच्ची मुस्कान
इस दुनिया में
एक अंतराल के बाद
सब बदल जाया करता है
इंसान का रहन सहन
खान पान, पहनावा
और उसकी खुशियां भी..!
आज के जमाने में
हम खोखली मुस्कान के
हो गए हैं आदी
खोखली मुस्कान
मतलब फॉर्मेलिटी वाली मुस्कान..!
सच्ची मुस्कान
होठों पर तब आती है
जब सामने वाले की मुस्कान भी
सच्ची हो
दिल से हो
उसमें कुटिलता न हो
दोष न हो..!
और हम तो दोस्त
मुस्कुराना ही भूल गए हैं
मानों सदियों से
क्योंकि इस देश में
निर्भया जैसी वारदातें
अब रोज होने लगी हैं..!
जिस दिन इस देश में
सब प्रसन्न होंगे
निर्भय होंगे
खुशहाल होंगे
उस दिन
हमारे चेहरे पर भी एक मुस्कान होगी
एक ऐसी सच्ची मुस्कान
जिसमें प्यार होगा
वात्सल्य होगा
मानवीयता का संस्कार होगा..!