युवा-शक्ति
युवा-शक्ति
निज यौवन अपना जीवन,
सर्वस्व करते अपना अर्पण।
राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्रभक्ति,
हम है हिन्दूस्तां की युवा शक्ति।
पराधिनता को समझते जहाँ,
घोर अन्याय महान।
मातृभूमि के खातिर यहाँ,
तत्पर कोटि बलिदान।
गौतम, बुद्ध, राणा,
वीर,शिवा की हम संतान।
शत्रु के आगे कभी झुकें नहीं,
मिला बड़ों से ऐसा वरदान।
करने शत्रु के दाँत खट्टे,
खड़ी सीमा पर सैन्यशक्ति।
राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्र भक्ति।
हिमालय की भाँति रहते सीना तान।
सर्वधर्म के प्रति रखते निश्छल भाव।
रंग रूप, वेशभूषा, भाषा,
हो चाहे अनेक।
पीर पड़े अपनों पर,
हम हो जाते सब एक।
वात्सल्य से अभिभूत मातृशक्ति।
राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्र भक्ति।