वात्सल्य से अभिभूत मातृशक्ति। राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्र भक्ति। वात्सल्य से अभिभूत मातृशक्ति। राष्ट्र प्रेम से ओतप्रोत राष्ट्र भक्ति।
तुझको बारम्बार प्रणाम तुझसे बनी,सृष्टि अनुपम। तुझको बारम्बार प्रणाम तुझसे बनी,सृष्टि अनुपम।
माँ ! जीवन का मेरे सार है मेरा सारा लोकव्यवहार है। माँ ! जीवन का मेरे सार है मेरा सारा लोकव्यवहार है।
कमजोर कहां तू नारी तू ही शक्ति अवतारी। कमजोर कहां तू नारी तू ही शक्ति अवतारी।
खाना-पानी त्याग, मुझे दुलराती थी मजाल! कोई डाँट सके, कोई मार सके खाना-पानी त्याग, मुझे दुलराती थी मजाल! कोई डाँट सके, कोई मार सके
सुख-दुख हैं जीवन में जैसे, वैसे ही अच्छे बुरे है ख्वाब। लेकिन वह ख्वाब निर्भया, उन्नाव और हैदराबाद क... सुख-दुख हैं जीवन में जैसे, वैसे ही अच्छे बुरे है ख्वाब। लेकिन वह ख्वाब निर्भया, ...