खतरे में पड़ा है देखो आज मेरा वजूद बैठा है फिर भी मानव तू क्यूँ आँखें मूंद खतरे में पड़ा है देखो आज मेरा वजूद बैठा है फिर भी मानव तू क्यूँ आँखें ...
तुम्हें चाहा था अपनी जान की तरह मैंने सांसों मेंं तुम ही समाय थे। तुम्हें चाहा था अपनी जान की तरह मैंने सांसों मेंं तुम ही समाय थे।
इबादत मेरा जुनून इबादत मेरा जुनून
पीर बना दिया है तुमने। पीर बना दिया है तुमने।
वही तो हर किसी इंसान की तकदीर लिखता है। वही तो हर किसी इंसान की तकदीर लिखता है।
पियत को पानी और ऊपर से खड़ी चढ़ाई पियत को पानी और ऊपर से खड़ी चढ़ाई