आज सुबह नज़ारा कुछ अलग था आज सुबह नज़ारा कुछ अलग था
अगर ऐसा होता कि मैं बन जाती , अलौकिक शक्तियों की स्वामिनी। सर्वप्रथम हवन कुंड एक बनात अगर ऐसा होता कि मैं बन जाती , अलौकिक शक्तियों की स्वामिनी। सर्वप्रथम हवन क...
कभी तो ख़त्म ये रात घनघोर होगी कभी तो वो प्रभात वो भोर होगी। कभी तो ख़त्म ये रात घनघोर होगी कभी तो वो प्रभात वो भोर होगी।
कैसे भूलें उस चीख की ,निर्भया की तकलीफ़ को। कैसे भूलें उस चीख की ,निर्भया की तकलीफ़ को।
विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !! विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !!
ज़रूरी है कि उन्हें वक्त रहते सही कानूनी सजा दी जानी चाहिए। ज़रूरी है कि उन्हें वक्त रहते सही कानूनी सजा दी जानी चाहिए।