कैसे भूले?
कैसे भूले?
कैसे भूलें उस रात को , सर्दियों की बात को
जब निर्भया की जान को , बेजान कर दिया गया
कैसे भूलें उस चीख की ,निर्भया की तकलीफ़ को
जब 6 दरिंदो के द्वारा , उससे छिन्न भिन्न कर दिया
कैसे भूलें उन आंसू को , उसकी अंतिम सांसों को
जिनका जीते जी हैवानों द्वारा गला घोंट दिया गया
कैसे भूलें उसके भावों को , वो गिड़गिड़ाते पांवों को
जिन्हे बांध कर उस रात , गहरे कर दिया उसके घावों को
कैसे भूलें हैवानों को , इस धरती के शैतानों को
जिनके द्वारा निर्भया को , सरेआम नीलाम कर दिया गया
अरे कैसे भूलें उन दरिंदो को , कैसे उन्हें जाने दें
निर्भया को सता कर कैसे उन्हें नींद आने दें
सोचा तो था मैने की बदला बराबर का होगा ,
पर कहां पता था कि दरिंदो के साथ भी भगवान हुआ करता है ,
वरना 8साल की जगह 8 दिन में उन्हें फांसी मिल जाती
और निर्भया के साथ कई बच्चियों को तभी आजादी मिल जाती।