किसी की यहां पर जैसे ही उम्मीद टूटी, उसकी तो वहीं पर देख लो कश्ती डूबी किसी की यहां पर जैसे ही उम्मीद टूटी, उसकी तो वहीं पर देख लो कश्ती डूबी
कैसे भूलें उस चीख की ,निर्भया की तकलीफ़ को। कैसे भूलें उस चीख की ,निर्भया की तकलीफ़ को।
कोई रेलगाड़ी दिन भर नहीं चलती, परन्तु मैं उसकी सीटी की चीख सुनता हूं। कोई रेलगाड़ी दिन भर नहीं चलती, परन्तु मैं उसकी सीटी की चीख सुनता हूं।
सोच समझकर गांव गलियों से तुम अब नए मुद्दा बनाते हो, सोच समझकर गांव गलियों से तुम अब नए मुद्दा बनाते हो,
षड्यंत्रों की नकदी जारी सुख की अभी उधारी है। षड्यंत्रों की नकदी जारी सुख की अभी उधारी है।
यहाँ पत्थर के नुमाइंदे है यहाँ दिल की धडकनें भला कौन सुनता है। यहाँ पत्थर के नुमाइंदे है यहाँ दिल की धडकनें भला कौन सुनता है।