लाल रंग
लाल रंग
एक हाथ में तीज की लाल मेहँदी
एक हाथ झुलसा लाल लपटों में
लाल रंग भी कैसा है?
एक जगह सजा है
तो एक जगह उजड़ा है
एक मांग भरता है
तो एक मांग की उम्मीदें तोड़ता है
काश ये लाल रंग समान होता
प्रेम करता, सम्मान देता
संस्कृति में खिलता
समाज को रंगता
मूल्यों को रंगता
खून में तो है सबके बहता
पर सामान्तर नहीं
कहीं स्नेह बन
ईष्या द्वेष से हारता है
कहीं खूंखार बन
सिसकियों को पल में मारता है
तो कभी प्रथा बन
बलि चढ़ाता है !