नारी
नारी
नारी है इज्ज़त घर की
पर इज्जत उसे, देना भूल जाते हैं,
कुछ लोग नारी की
कद्र करना ,भूल जाते हैं,
सही कहते हैं दुनिया वाले
दिमाग नहीं होता है नारी में,
तभी दिल से , हर रिश्ते वो निभाती है
और आसानी से ही धोखा खाती है ,
क्योंकि नारी है, खुद से पहले
औरों की सोचा करती है ,
नहीं चाहिए खुद के लिए कुछ
दूजो को बांटा करती है,
मुस्कान सबकी देखकर
खुश हो जाया करती है,
फूल सभी को देकर
कांटे छूपा लिया करती है,
वो नारी है , जो खामोशी से
हर जंग लड़ जाया करती है।