खामोश नज़रों में
खामोश नज़रों में
खामोश नज़रों में लाखों सवाल होते हैं,
लब मुस्कुराते हैं, पर दिल में ज़ख्म हज़ार होते हैं,,
कह नहीं पाते जो लफ़्ज़ों में कभी,
वो एहसास अक्सर आँखों से बयां होते हैं,,
हर मुस्कान के पीछे छुपा है कोई दर्द,
जो दिखते हैं खुश, वही सबसे लाचार होते हैं,,
हमने सीखा है दुनिया के इस फ़रेब से,
सच्चे दिल वाले ही सबसे ज्यादा शर्मसार होते हैं,,
अब तो ख़ुद आईना भी सवाल करता है यारा,
क्यों दिल के इतने टुकड़े बार-बार होते हैं,,
𝒢𝓊𝓃𝒿𝒶𝓃 𝒿ℴ𝒽𝓇𝒾
