STORYMIRROR

Gunjan Johari

Tragedy

4  

Gunjan Johari

Tragedy

खाली हाथ

खाली हाथ

1 min
360

खुशियाँ बांटते बांटते अक्सर हाथ खाली रह जाते हैं, 

दूसरों को खुश देखते देखते हम खुद को भी भूल जाते हैं,,


कुछ कर लो फिर भी सजा ही हिस्से आती है, 

खुद से पहले दूसरे को रखो फिर भी तकलीफ ही हिस्से आती है,, 


कौन कहता है नेकी करने से खुशियाँ मिलती है, 

जब मिलने की बारी आती है पिछले जन्मों की सजा हिस्से आती है,,



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy