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Anjali Kemla

Inspirational

5.0  

Anjali Kemla

Inspirational

पहला प्यार - वो मेरे पिता है

पहला प्यार - वो मेरे पिता है

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 आज इस  कविता मे मैं करूंगी उसकी बात,

जो हमेशा मुझे खुश रखते हैं चाहे जो भी हो हालात,

जो जिंदगी के हर पड़ाव में मेरे साथ है,

और जिसका ज़िन्दगी भर के लिए मेरे सर पर हाथ है।


छोटी ऊंगली पकड़कर चलना जिसने सिखाया है,

हर मुसीबत के वक्त में मैंने उन्हें अपने साथ पाया है।


जिसने बचपन के हर पल मेरे साथ गुजारे है

जो शायद कभी किसी मुसीबत में नहीं हारे है,

जो बचपन में मेरी हर ख़्वाहिश पूरी करते थे और

कभी कभी तो मेरे लिए वो अम्मा से भी लड़ते थे


अब तो समझ जाओ मैं बात किसकी करती हूँ,/ जिसके बारे मेे मैं बातें दिन बाते करती हूँ 

एक बात बताऊं मैं सबसे ज्यादा उनपर मरती हूं ,

इस जिंदगी की नाव मैं वो मेरी पतवार है,

वहीं है जिसमें मेरा पूरा संसार है । / वही है जो मेरा सच्चा वाला प्यार है 


उनका गुस्सा हमेशा नाक पर रहता है सर रहता है हमेशा गर्म,

बस दिखाते नहीं हैं वरना अंदर से है बहुत नर्म ,

क्योंकि मुझे रोता देख उनकी आंखे हो जाती है नम ,

और फिर मुझे हँसाने के लिए कहते है बहुत प्यार करते है तुमसे हम ।


मुझे पता है आप समझ गए की मैं बात किसकी कर रही हुँ 

एक और बात बताती हूं मैं सबसे ज्यादा उनसे डरती हूं ,

वो बिन पैसों के चलने वाली मेरी हौसलों की कार है ,

परेशानियों से लड़ने वाली वो मेरी दो धारी तलवार है ।


वो मेरी ज़िन्दगी की एक उम्मीद है, वो मेरी एक आस है ,

वहीं मेरी हिम्मत है और वो हमारा विश्वास है ,

वो कभी दूर होकर भी हमेशा मेरे पास होते है ,

औरों के लिए वो कुछ भी हो मेरे लिए हमेशा खास होते है।


वो मेरा दिल है, जान है, और जहान है ,

मैं एक परिंदा हूं वो मेरा आसमान है ।


वो पुराने कपड़े पहनकर अपना काम चलाते है ,

मुझको लेकिन  हर चीज नई दिलाते है,

कई बार वो देर तक काम करके लौटते है ,

और आकर मुझे रोज़ कहानिया  सुनाकर सुलाते है ।


इसीलिए वो मेरे ,जीवन की बहार है 

वो मेरे पिता है वो मेरा सच्चा प्यार है ।


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