मिलने को मुझे अपने ख़्वाबों में बुलाकर अपने ही नींद पे वो पहरेदार लगाये बैठे हैं। मिलने को मुझे अपने ख़्वाबों में बुलाकर अपने ही नींद पे वो पहरेदार लगाये बैठे हैं...
दूसरी तरफ पुलिस चौकी के सामनेरहमान , अख़बार वाला ! दूसरी तरफ पुलिस चौकी के सामनेरहमान , अख़बार वाला !
खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे घूमेंगे बाजारों में। खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे घूमेंगे बाजारों में।
चोंच उसकी लाल है और आसमान में भी लाली छा जाती है तब। चोंच उसकी लाल है और आसमान में भी लाली छा जाती है तब।
नेपथ्य में बैठे कवि को, विवश पिता की तरह, रुला जातीं, विदा होती बेटियों जैसी, ये कविताएँ ! नेपथ्य में बैठे कवि को, विवश पिता की तरह, रुला जातीं, विदा होती बेटियों जैसी, ...
आज भी नारियाँ अपमानित होती हैं। यकीन न हो तो अखबार पढ़ लीजिए। आज भी नारियाँ अपमानित होती हैं। यकीन न हो तो अखबार पढ़ लीजिए।