सहमी रही अब तक अब मैं किसी से नहीं डरूंगी। सहमी रही अब तक अब मैं किसी से नहीं डरूंगी।
विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !! विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !!
भय - यातना का समर काल है, काल नहीं यह महाकाल है। भय - यातना का समर काल है, काल नहीं यह महाकाल है।
भारत मां के इन सिंहों ने जन-जन के दिल में चिंगारी क्रांति की भड़काई थी। भारत मां के इन सिंहों ने जन-जन के दिल में चिंगारी क्रांति की भड़काई थी।