निर्भया का दर्द
निर्भया का दर्द


कभी कहते हैं किसी को किसी का हृदय मत तोड़ो !
विनम्रता और संस्कार की राहें भूल के भी ना छोड़ो !!
शिक्षार्थियों को अच्छी शिक्षा का मंत्र हम देते रहते हैं !
शिक्षक भी शिक्षण में कोई कसर कभी नहीं छोडते हैं !!
राजनीतिज्ञ संविधान की सौगंध जनमानस में लेते हैं !
लोगों के जनहित के लिए आमरण अनशन करते हैं !!
धर्म गुरुओं के ज्ञान से लोगों की आँखें खुली रहती है !
परोपकार के मंत्रों से सारी ही दुनियाँ प्लावित रहती है !!
सामाजिक परिवेशों में चारित्रिक निर्माण किया जाता है !
सुंदर बातों को सिखलाकर सबको सुदृद किया जाता है !!
तब दानव बन क्यूँ घृणित कार्य हम आवेगों में करते हैं ?
एक नहीं सौ-सौ माँ- बेटी को निर्भया बननाके रखते हैं !!