शीर्षक -दुखद मोरबी हादसा।
शीर्षक -दुखद मोरबी हादसा।
लाशों पर होगी राजनीति मैं मौन नहीं रह पाऊंगा।
इन दोगले नेताओं को और नहीं सह पाऊंगा।
बहुत सी जानें चलीं गयी और कुछ का पता नहीं अब तक।
इन दोगले नेताओं को आखिर सहे कहो कब तक।
किसी राज्य का आ जाये सर पर इनके जब चुनाव।
गांव-गांव ये घूमने लगते करने लगते कांव-कांव।
इनकी झूठी बातों पर मैं गौर नहीं कर पाऊंगा।
इन दोगले नेताओं को और नहीं सह पाऊंगा।
मोरबी में पुल क्या टूटा केवल शोक जता दिया।
घड़ियालों ने जनता को घड़ियाली आंसू दिखा दिया।
सत्ता विपक्ष में होड़ लगी है दोषी किसे बताओगे।
कौन है दोषी इस घटना का कैसे पता लगाओगे।
झूठ को इनके इससे ज्यादा और नहीं सुन पाऊंगा।
लाशों पर होगी राजनीति मैं मौन नहीं रह पाऊंगा।
मैं भारत माता का बेटा अपना कर्तव्य निभाऊंगा।
कलम मेरी शस्त्र है और मैं अपना शस्त्र चलाऊंगा।
भक्त नहीं मैं मोदी का ना चमचा केजरी राहुल का।
ना माया ना ममता दीदी ना हैदराबादी भाऊ का।
मैं सत्य लिखता हूँ हरदम सदा सत्य ही गाऊंगा।
इन दोगले नेताओं को और नहीं सह पाऊंगा।
हमने अपनी आंखों से परिवार उजड़ते देखें हैं।
इक पल में ही बहुतों के संसार उजड़ते देखें हैं।
नेताओं को टीवी पर झूठा विलाप करते देखा।
गंदी राजनीति के कारण बहुतों को मरते देखा।
एक नहीं सौ बार मरा मैं और नहीं मर पाऊंगा।
लाशों पर होगी राजनीति मैं मौन नहीं रह पाऊंगा।
तुमसे उम्मीद है मोदीजी उम्मीद नहीं मैं खोऊंगा।
सूख चुकें आंखों के आंसू और नहीं मैं रोऊंगा।
अपराधी का पता लगाकर सजा दिलाओ मोदीजी।
आप हमारे मुखिया हो कर्तव्य निभाओ मोदीजी।
झूठे ढोंगी गद्दारों का सम्मान नहीं कर पाऊंगा।
इन दोगले नेताओं को और नहीं सह पाऊंगा।
लाशों पर होगी राजनीति मैं मौन नहीं रह पाऊंगा।