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अजय कुमार द्विवेदी

Romance

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अजय कुमार द्विवेदी

Romance

हो जीवन का आधार तुम्हीं

हो जीवन का आधार तुम्हीं

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पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।

तुमसे ही है दुनिया मेरी, हो सकल जगत संसार तुम्हीं।


पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।


जब से नैना ये चार हुए, मेरे सपनों में तुम आती हो।

बढ़ जाती है दिल की धड़कन इस दिल को तुम धड़काती हो।

तुमसे हैं खुशियां जीवन में, हो खुशियों का अम्बार तुम्हीं।


पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।


जिस दिन देखा तुमको मैंने, मैं दिल की बाजी हार गया।

जब हां तुमने भी कर दी तो, मैं प्यार में बाजी मार गया। 

दिल लगा मेरा दिलबर तुमसे, हो मेरे तो दिलदार तुम्हीं। 


पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।


बनकर दुल्हन तुम आई हो, जिस दिन से मेरे आंगन में। 

है फूल बहुत से खिलें यहां, मेरे घर के इस प्रांगण में। 

बनकर प्रकृति तुम आईं हो, हो जीवन की मेरे बहार तुम्हीं। 


पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।


ईश्वर से यही निवेदन है, यूं ही प्यार हमारा बना रहे। 

आजीवन खुशियां मिले हमें, संसार हमारा बना रहे। 

दुख सुख दोनों की साथी तुम, हो जीवन का श्रृंगार तुम्हीं। 


पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।

तुमसे ही है दुनिया मेरी, हो सकल जगत संसार तुम्हीं।


पल-पल बरसता प्यार तुम्हीं, हो जीवन का आधार तुम्हीं।



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