हिन्दी और मैं जैसे शरीर और आत्मा । मेरे भावों की अभिव्यक्ति का एकमात्र विकल्प सिर्फ हिन्दी भाषा है। स्टोरी मिर्रर मेरे सपनों मेरी आकांक्षाओं का मंच है जहाँ ये वर्णित हो साकार होते है।
पंख लगाकर सपनो के खुले आसमान में उड़ने दो। पंख लगाकर सपनो के खुले आसमान में उड़ने दो।
पंख लगाकर सपनो के खुले आसमान में उड़ने दो खुलकर जरा मैं ले लूँ सांस आज जी भर कर। पंख लगाकर सपनो के खुले आसमान में उड़ने दो खुलकर जरा मैं ले लूँ सांस आज...
पार्थ के लिए मैं निश्चित थी इसका नाम आईआईटी में जरूर आएगा। पार्थ के लिए मैं निश्चित थी इसका नाम आईआईटी में जरूर आएगा।
मेरी निगाह से उसकी निगाह मिली तो हम दोनों के चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी। मेरी निगाह से उसकी निगाह मिली तो हम दोनों के चेहरे पर एक मुस्कुराहट थी।
अंजली ने फैसला लिया कि वो माँ को उसके शौक व इच्छाओं को पुनः जाग्रत करेगी अंजली ने फैसला लिया कि वो माँ को उसके शौक व इच्छाओं को पुनः जाग्रत करेगी
हरिदास जी जब भी गाने बैठते तो प्रभु में ही लीन हो जाते। हरिदास जी जब भी गाने बैठते तो प्रभु में ही लीन हो जाते।
मैं इससे बचना भी चाह रही हूं और दौड़ते हुए ठोकर लगी और मेरी नींद खुल गई । मैं इससे बचना भी चाह रही हूं और दौड़ते हुए ठोकर लगी और मेरी नींद खुल गई ।
जो बच्चे कल स्वर्ग से मिट्टी लाएंगे, मैं उसे इनाम दूँगी ।" जो बच्चे कल स्वर्ग से मिट्टी लाएंगे, मैं उसे इनाम दूँगी ।"
आज मां और उसकी बेटी नीलम बहुत हंसी-खुशी जीवन बिता रहे हैं। आज मां और उसकी बेटी नीलम बहुत हंसी-खुशी जीवन बिता रहे हैं।
उसने दो पतीले लिये, एक में ‘सच’ को डाला दूसरे में ‘झूठ’ को। उसने दो पतीले लिये, एक में ‘सच’ को डाला दूसरे में ‘झूठ’ को।