असीम कृपा है तेरी
असीम कृपा है तेरी
मेरी एक प्रिय सहेली की आदत थी कि वह हर रोज सोने से पहले अपनी दिन भर की खुशियों को एक काग़ज़ पर लिख लिया करती थीं।
एक दिन उसने ने लिखा " मैं खुश हूं कि मेरा पति पूरी रात ज़ोरदार खर्राटे लेता है । चाहे फिर डांटता है या चिल्लाता पर रहता मेरे पास ही है । यह कृपा है प्रभु तेरी ।
फिर अगली लाइन में लिखती है कि " मैं खुश हूं कि मेरा बेटा और बेटी इस बात पर झगड़ा करते है कि कि मैं उनकी मनपसंद का खाना नहीं बनती। खाना बाजार से ना मंगवा कर वह जबरदस्ती मुझसे ही बनवाते है।
यह कृपा है प्रभु तेरी मेरे बच्चे व्यर्थ पैसा बाहर नहीं गंवाते और घर में ही रहते है।
और अगली पंक्ति में वह लिखती है कि "मैं खुश हूं कि हर महीना बिजली,गैस, पेट्रोल, पानी वगैरह का अच्छा खासा टैक्स देना पड़ता है ,यानी ये सब चीजें मेरे पास , मेरे इस्तेमाल में हैं ।अगर यह ना होती तो ज़िन्दगी कितनी मुश्किल होती ?
यह सब कृपा है प्रभु तेरी।
फिर लिखती है कि "मैं खुश हूं कि पूरे दिन काम करके मेरा थकान से बुरा हाल हो जाता है ।
यानी मेरे अंदर दिनभर सख़्त काम करने की ताक़त और हिम्मत है । यह सिर्फ भगवान ही के आशीर्वाद से ही संभव है। मैं खुश हूं कि हर रोज अपने घर का झाड़ू पोछा करना पड़ता है और दरवाज़े -खिड़कियों को साफ करना पड़ता है ।
यह कृपा है प्रभु तेरी की मेरे पास मेरा घर तो है । जिनके पास छत नहीं उनका क्या हाल होता होगा ?
मैं खुश हूं कि कभी कभार थोड़ी बीमार हो जाती हूँ । पर अन्य सभी दिनों में मैं बहुत स्वस्थ रहती हूं।
यह तेरी परम कृपा है मेरे ऊपर प्रभु ।
मैं खुश हूं कि हर रोज अलार्म की आवाज़ पर उठ जाती हूँ यानी मुझे हर रोज़ एक नई सुबह देखना नसीब होती है ।
ज़ाहिर है ये भी भगवान की असीम कृपा है।
कागज पर लिखी कुछ यह पंक्तियां मुझे बेहद प्रिय लगी । हमको भी जीने के इस फॉर्मूले पर अमल करते हुए अपनी भी और अपने से जुड़े सभी लोगों की ज़िंदगी संतोषपूर्ण बनानी चाहिए ।
"छोटी-छोटी परेशानियों में खुशियों की तलाश"
खुश रहने का अंदाज।
यही है अत्यंत कृपा प्रभु तेरी।
