आँसुओं को लिखने की कोशिश की तो लगा कि वह इतने पन्नों में समेट न पाऊँगी.....सब कुछ कोरा ही रह गया बेट... आँसुओं को लिखने की कोशिश की तो लगा कि वह इतने पन्नों में समेट न पाऊँगी.....सब कु...
सहम सहम कर एक एक दिन गुज़र रहा है सहम सहम कर एक एक दिन गुज़र रहा है
इतनी सेवा की उम्मीद तो एक सास अपनी बहु से रख ही सकती है, है कि नहीं ? बोलो डायरी। इतनी सेवा की उम्मीद तो एक सास अपनी बहु से रख ही सकती है, है कि नहीं ? बोलो डायरी...
वैसे सच कहूँ तो बचपन से ही मेरा और डायरी का 36 का आंकड़ा। वैसे सच कहूँ तो बचपन से ही मेरा और डायरी का 36 का आंकड़ा।
उसे आज फिर से अपने हाथों लिखी डेयरी पढ़ने का मन किया। उसे आज फिर से अपने हाथों लिखी डेयरी पढ़ने का मन किया।
मेरी सुबह से लेकर शाम तक, किसी हिस्से में तुम्हारा कोई वजूद नहीं। फिर भी जाने क्यों, तुम्हें सोचे बग... मेरी सुबह से लेकर शाम तक, किसी हिस्से में तुम्हारा कोई वजूद नहीं। फिर भी जाने क्...