Dr. Chanchal Chauhan

Action Inspirational Children

4.7  

Dr. Chanchal Chauhan

Action Inspirational Children

माँ पागल है

माँ पागल है

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यह कहानी है  वह हर बच्चे की जो बड़ा हो जाता है अपने काम और अपने परिवार में व्यस्त हो जाने के कारण माँ बाप को भूल जाता है ।बच्चा चाहे कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए या किसी  अच्छे पद पर क्यों ना आसीन हो पर मां-बाप के लिए वह तो वह उनका बच्चा ही रहता है। वही प्यारा बच्चा जिसे उन्होंने बड़े लाड़ प्यार से बड़ा किया।

अपने मां-बाप को कभी भी अनदेखा न करें नहीं तो मेरी तरह पश्चाताप की अग्नि में जलना पड़ेगा।

हो सकता है मेरी यह कहानी आपकी आंखों में आंसू दे दे पर उन आंसुओं से अपने हृदय को साफ कर लीजिए क्योंकि जब जागो तभी सवेरा।

रात के 12 बजे फोन आता है, बेटी फोन उठाती है तो माँ बोलती है- 

"जन्म दिन मुबारक " 

बेटी गुस्सा हो जाती है और माँ से कहती है - 

सुबह फोन करतीं, इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देती है।

थोडी देर बाद पिता का फोन आता है। बेटी पिता पर गुस्सा नहीं करती बल्कि कहती है कि आप सुबह फोन करते।

फिर पिता ने कहा - मैनें तुम्हें इसलिए फोन किया है कि "तुम्हारी माँ पागल है सनकी है" जो तुम्हें इतनी रात को फोन किया। वो तो आज से 30 साल पहले ही पागल हो गई थी। 

जब उसे डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा और उसने मना किया था। वो मरने के लिए तैयार हो गई पर ऑपरेशन नहीं करवाया। 

रात के 12 बजे तुम्हारा जन्म हुआ। शाम 6 बजे से रात 12 तक वो प्रसव पीड़ा से परेशान थी। लेकिन तुम्हारा जन्म होते ही वो सारी पीड़ा भूल गयी। उसके ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। 

तुम्हारे जन्म से पहले डॉक्टर ने दस्तखत करवाये थे कि अगर कुछ हो जाये तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। तुम्हें साल के एक दिन रात के 12:00  फोन किया तो तुम्हारी नींद खराब हो गई।

बस यही कहने के लिए तुम्हें फोन किया था। इतना कह कर पिता फोन रख देते हैं।

बेटी सुन्न हो जाती है। सुबह माँ के घर जाकर माँ के पैर पकड़कर माफी मांगती है। माँ निर्बोध और सहज ही बेटी के आगमन पर खुश हो जाती है। बेटी फिर पिता से माफी मांगती है तब पिता कहते हैं- आज तक तुम्हारी माँ कहती थी कि हमें कोई चिन्ता नहीं हमारी चिन्ता करने वाली हमारी बेटी है। पर अब तुम चली जाओ मैं तुम्हारी माँ से कहूंगा कि चिन्ता मत करो, मैं तुम्हारा ध्यान रखूंगा।

एक तुम्हारी मां ही है जो हमेशा रहती है मुझे मेरी बेटी पर बहुत अभिमान है।

तब माँ कहती है- माफ कर दो बेटी है।

सब जानते हैं दुनियाँ में एक माँ ही है जिसे जैसा चाहे कहो फिर भी वो गाल पर प्यार से हाथ ही फेरेगी।

माता पिता को आपकी दौलत व उपहार नहीं बल्कि आपका प्यार और वक्त चाहिए। उन्हें प्यार की शक्ति का बल चाहिए।

दुनिया में सिर्फ माँ पिता ही अपने बच्चों को अपने से बड़ा देखकर ऊंचा पद प्रतिष्ठा देखकर खुश होते हैं। समाज में उनके बच्चों का सम्मान हो उनकी प्रतिष्ठा  बढ़े  यही तो वह चाहते हैं।

माँ पिता की ममता तो अनमोल है।


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