जिस प्रेम में संबंध आत्मा से जुड़ा हो ,
उस प्रेम का अंत कभी नहीं हो सकता
Dr Chanchal Chauhan
जिस प्रेम में संबंध आत्मा से जुड़ा हो ,
उस प्रेम का अंत कभी नहीं हो सकता
Dr Chanchal Chauhan
जिस प्रेम में संबंध आत्मा से जुड़ा हो ,
उस प्रेम का अंत कभी नहीं हो सकता
Dr Chanchal Chauhan
प्रेम सब्र है सौदा नहीं
इसलिए हर किसी से होता नहीं
सब छोड़ रखा है मैंने श्रीजी पर
उलझाया उसने है तो सुलझायेगी भी वही।
मैं रंगना चाहती हूँ
जीवन को प्रेम के रंग से
चाहती हूँ विश्वास का हर रंग
जीवन को सजा ले
मैं सतरंगी रंगों से सजना चाहती हूँ।
सिर्फ राधा श्याम की हो जाना चाहती हूँ।
बड़ी मुद्दत के बाद आज उसकी मुस्कुराहट मिली मुझे
आँखे ठहर गई
सासें भी रुक गई
लोग कहते हैं भूल जा उनको
आह ! क्या बिसात है मेरी?
जो आँखों से ह्र्दय में उतर गया
मुझे अपने रंग में रंग गया ।
कमा पाऊँ अर्जित कर पाऊँ खुशियाँ उदास चेहरों के लिए
किसी का सहारा बन जाऊँ
मेरे क़िरदार का मोल इतना कर दे श्री राधा।