अंधकार है ! (स्वच्छन्द विधा )
अंधकार है ! (स्वच्छन्द विधा )
कोरोना का यह अंधकार है,
विश्व पटल पर हाहाकार है।
सोना, चांदी, हीरे, मोती,
इसके आगे सब बेकार है।।
.....................................कोरोना का यह अंधकार है !
कूटनीति सी घृणित चाल है,
या कुदरत की पड़ी मार है !
जो कुछ भी है पर बड़ी धार है,
विश्वयुद्ध सा हाहाकार है।।
................................ कोरोना का यह अंधकार है !
भय - यातना का समर काल है,
काल नहीं यह महाकाल है।
अंधकार गहरा विकराल है ,
नहीं बना विज्ञान ढाल है।।
..............................कोरोना का यह अंधकार है !
लम्हों ने जो ख़ता किये थे,
सदियों वाली सज़ा काल है।
घन घमंड जो पाले तुमने,
शर्म से सबका झुका भाल है !
..............................कोरोना का यह अंधकार है !
