तो वो कोई और नही आपका जीवनसाथी होता है। तो वो कोई और नही आपका जीवनसाथी होता है।
आज सुबह नज़ारा कुछ अलग था आज सुबह नज़ारा कुछ अलग था
महावीर कविराय, घड़ा पाप का भर गया सात साल के बाद, मिल गया न्याय निर्भया महावीर कविराय, घड़ा पाप का भर गया सात साल के बाद, मिल गया न्याय निर्भया
दुराचारियों हत्यारों को, फाँसी पर लटकाया है दुराचारियों हत्यारों को, फाँसी पर लटकाया है
उतार रहा इश्क़ ग़ज़लों में पर हर नज़रों में विपरीत भाव देखा है। उतार रहा इश्क़ ग़ज़लों में पर हर नज़रों में विपरीत भाव देखा है।
उस हवस में मेरे आँसू की अविरल धारा बहती रही और वो पिघलती रही जली मोमबत्ती की भांति उस हवस में मेरे आँसू की अविरल धारा बहती रही और वो पिघलती रही जली मोमबत्ती...