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प्रभात मिश्र

Inspirational

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प्रभात मिश्र

Inspirational

माँ

माँ

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माँ ! भक्ति है , अनुरक्ति है

नर देह में दैवीय शक्ति है 


माँ ! चेेेेतना है, बुद्धि है,

हर कार्य क्षेत्र में सिद्धि है ं,


माँ ! अंतः प्रेरणा है, वृत्ति है

दया की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है ं 


माँ ! स्मृति है, मनः शांति है

माँ से ही जीवन में कांति है


माँ ! जीवन का मेरे सार है

मेरा सारा लोकव्यवहार है


माँ !  घाम में शीतल छाया है

माँ से ही ये सारी माया है


माँ ! आशीर्वादों का वह पिटारा है 

जाने कितने संंकटों को जिसने टारा है


माँ ! मरुजीवन में सहज स्नेह नीर है

छूकर हर लेती सारी भव पीर है


माँ से ही दिन है और रात है

माँ है तो ,रोज ,मंगल प्रभात है


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