फिर प्यार से हाथ फेरकर आंचल में अपनी छुपाया था। फिर प्यार से हाथ फेरकर आंचल में अपनी छुपाया था।
तेरे आंचल में ही तो मां, हर बच्चों का संसार है। तेरे आंचल में ही तो मां, हर बच्चों का संसार है।
रूठती नहीं वो कभी भी ,ऐसी होती है ये माँ , जब चाहे इसको मना लो ,कितनी भोली होती है मां रूठती नहीं वो कभी भी ,ऐसी होती है ये माँ , जब चाहे इसको मना लो ,कितनी भोली होती...
देती है महत्वपूर्ण और दुर्लभ ज्ञान माँ के बलिदान का करें सम्मान। देती है महत्वपूर्ण और दुर्लभ ज्ञान माँ के बलिदान का करें सम्मान।
दुपहरी आंगन में आती है मां के आंचल से न खेल पाती है। दुपहरी आंगन में आती है मां के आंचल से न खेल पाती है।
वृक्ष व्यथित नहीं होता धरा चाहे जितनी कुपित हो। वृक्ष व्यथित नहीं होता धरा चाहे जितनी कुपित हो।