एक सलाम माँ के नाम
एक सलाम माँ के नाम
माँ है ब्रह्माण्ड की उत्कृष्ट रचना
नहीं आता उसे भेदभाव और छल करना
निष्कपट और निस्वार्थ प्रेम की पराकाष्ठा
आपकी सखी , गुरु आपके जीवन की धुरी
देती है महत्वपूर्ण और दुर्लभ ज्ञान
माँ के बलिदान का करें सम्मान
समपर्ण , प्रेम और त्याग की प्रति मूर्ति
संस्कार का देती अनमोल खजाना
जिसे संभाल कर है रखना ।
बच्चों के सपनों को मुकममल करती है।
उसकी प्रार्थना और विश्वास ।
है वो मेरी दुनिया
है वो मेरी आस
देव भी जिनके आगे शीश नवाते
वो है सबसे प्यारी और न्यारी मां।
