बलात्कार - अमानवीयता का द्दोतक
बलात्कार - अमानवीयता का द्दोतक
सिसकियों और आहों को नकार दिया जाता है
कैसी है ये समाज की संवेदनहीनता
दुखद है अपराध को दबा दिया जाता है
दोषारोपण लड़की के चरित्र पर किया जाता है।
क्यों एक दोहरी मानसिकता का शिकार है समाज
क्यों विरोध करनेवाले की दबा दी जाती है आवाज
आवश्यकता है लड़कों को नारी
सम्मान और मानवीयता की सुढ़ढ शिक्षा देने की
एक ऐसे समाज और कानून के लिए प्रयासरत रहने की
जो नारी की अस्मिता का संरक्षण करने में सक्षम हो।
