हिंदी को, विश्व मानचित्र पर, सजा कर आऊँगी। हिंदी को, विश्व मानचित्र पर, सजा कर आऊँगी।
दुपहरी आंगन में आती है मां के आंचल से न खेल पाती है। दुपहरी आंगन में आती है मां के आंचल से न खेल पाती है।
आज एक मात्रा के छल ने, है उनको कितना सिखलाया , आज एक मात्रा के छल ने, है उनको कितना सिखलाया ,
इस बात पर हमको नाज रहें। सबसे ऊंचा रहे तिरंगा, बस बात यही आबाद रहे।। इस बात पर हमको नाज रहें। सबसे ऊंचा रहे तिरंगा, बस बात यही आबाद रहे।।