ढ़लती उम्र के साथ बहुत कुछ ढ़ल जाता है ढ़लती उम्र के साथ बहुत कुछ ढ़ल जाता है
वक्त की बहती धारा में, अब ठहरना कौन है चाहता ? वक्त की बहती धारा में, अब ठहरना कौन है चाहता ?
फिर प्यार से हाथ फेरकर आंचल में अपनी छुपाया था। फिर प्यार से हाथ फेरकर आंचल में अपनी छुपाया था।
हर दिन लिखने को उपलब्ध मैं होती रही, दिए गए विषय पर बेबाक सृजन करती रही। हर दिन लिखने को उपलब्ध मैं होती रही, दिए गए विषय पर बेबाक सृजन करती रही।
सर्वाधिक गुण वाले को दरकिनार कर दिया जाता है सर्वाधिक गुण वाले को दरकिनार कर दिया जाता है
जादुई करिश्मे से दुआ चकित कर जाती है। जादुई करिश्मे से दुआ चकित कर जाती है।