चलना हमारी फितरत थी , कुछ कर गुजरने की चाह , ठहर हम बहुत कुछ सीख गए , पाकर अपनी एक राह | चलना हमारी फितरत थी , कुछ कर गुजरने की चाह , ठहर हम बहुत कुछ सीख गए , पाकर अप...
सांस थम जाये, ये पल ठहर जाये, ज़मीं रूक जाये... सांस थम जाये, ये पल ठहर जाये, ज़मीं रूक जाये...
वक्त की बहती धारा में, अब ठहरना कौन है चाहता ? वक्त की बहती धारा में, अब ठहरना कौन है चाहता ?
आज फिर से, कुछ सालों बाद वहाँ से गुजरना हुआ, फिर यादों का यूँ संवरना हुआ। आज फिर से, कुछ सालों बाद वहाँ से गुजरना हुआ, फिर यादों का यूँ संवरना हुआ।
उसके बिना मेरा भी,अस्तित्व है कहां हूं मैं भी वहीं, मेरी सड़क है जहां। उसके बिना मेरा भी,अस्तित्व है कहां हूं मैं भी वहीं, मेरी सड़क है जहां।
अपने पराए होते रहे पराये अपने होते रहे अपने पराए होते रहे पराये अपने होते रहे