यादें
यादें
आज फिर से,
कुछ सालों बाद
वहाँ से गुजरना हुआ,
फिर यादों का यूँ
संवरना हुआ।
जहाँ आये थे
कभी हम साथ,
वही आना हुआ
सहमी सी यादों का
ठहरना हुआ।
क्यों कर ऐसा हुआ
आना पड़ा अकेले,
तुम नही हो आज
सोच आंखों में आंसुओ
का मरना हुआ।
कैसे बैठ के
बाते की हमने घंटों
आज किस से करू अकेले
यूं नश्तर का दिल पे
चलना हुआ।
खुशी है कि
तुम आज भी हो,
जीवन मे, सोच में मेरे
सिर्फ यादों का
बिछड़ना हुआ।
मिलेंगे जल्द ही
हम फिर से,
करेंगे ढेर सी बातें
याद करेंगे पल जहाँ
खुशियों का झरना हुआ।

