नारी
नारी
बालक बांधे पीठ पर
मन में भरे अपार स्नेह
लिए हाथ तलवार
घोड़ा दौड़ाती
करती दुश्मन पर वार
कहलाती वो झांसी की रानी।
बांधे परिवार को एक डोर से
मन में भरे अपार संस्कार
लिए हाथ मे कलम
उड़ाती रॉकेट मंगल तक
करती चौतरफा सारे काम
कहलाती वो आज की नारी।