अमरीका का रवैय्या
अमरीका का रवैय्या
नही देखने मिलता है
निष्पक्ष रवैय्या
निष्पक्ष व्यवहार,
हर जगह
चाहे हो स्कूल ,कोचिंग
या फिर छोटी मोटी
प्रतियोगिता;
लोग अपने संबंधों
के हिसाब से लेते है निर्णय
निर्णय लेते वक्त
निष्पक्ष नही रहते।
यही ओछी हरकत
कर रहा है अमेरिका,
हमारे भारत के साथ
हम से करता है अमेरिका
कुछ व्यवहार
पर रूस और चीन से करता है
कुछ अलग ही व्यवहार
हम पर करता है,
रोक लगाने की कोशिश
हम को तेल कहाँ से लेना
सिखाता है।
हम से अधिक तेल ,
चीन वही से खरीदे
तब अमेरीका चुप रहता।
अपना ही पैसा हम
कहाँ नही खर्च कर सकते,
करता है सिखाने की कोशिश।
भारत के पास भले ही न हो
चापलूसों की टोली
या न भी हो उतनी
सशक्त अर्थ व्यवस्था
पर वो दबेगा नही
उस को खुद पर है विश्वास
अकेला ही काफी है
अन्याय के खिलाफ
देता रहेगा मुंह तोड़ जवाब।
मुझे भी नही बर्दाश्त होता अन्याय;
कही न कही मैं भी हूँ
भारत सोच वाली।
शालिनी दीक्षित
