बुद्ध
बुद्ध
एक नन्हा सा बालक
दूर रखा गया उस को
सभी दुखो और समस्याओं से।
बन गया वो पिता
अनजान रहा फिर भी
सभी दुखो और समस्याओं से।
एक दिन अचानक
बोध हुआ उसको मृत्यु का
व्यथित हुआ वो दुःखों से।
चल दिया वो घर परिवार छोड़ कर
जान ने जीवन और दुख निवारण को
बैठा ध्यान में परिचित हो गया ज्ञान से।
आज पूरे विश्व को
शांति और सुख का ज्ञान,
दुःखों से उबरने के रास्ते मिल रहा है बुद्ध से।