नीला
नीला
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समंदर हमेशा उछलता रहता है
भरे रहता है अपार गहराई
जितना ही गहरा उतना ही नीला
तरंगों का वेग
संभाले से भी नही संभलता
पूर्णिमा और अमावस की रात।
शरीर मे भी भरा है जल तत्व
उसी तत्व की नीला पन
भरे रखता है मन मे अपार भावनाएं
भावनाओ का वेग
संभाले से भी नही संभलता,
अति प्रसन्नता और दुख की रात