बालक हैं अबोध अभी जो, बालपने से हमें ललचाते। बालक हैं अबोध अभी जो, बालपने से हमें ललचाते।
दोनों अपनी ही संतान हैं, ये बात जन-जन तक पहुंचानी है। दोनों अपनी ही संतान हैं, ये बात जन-जन तक पहुंचानी है।
कई वर्ष तक राज किया अयोध्या वासी सुखी हुए। कई वर्ष तक राज किया अयोध्या वासी सुखी हुए।
अपनी सोच को बदल सरपंच जी अब लकीर का फ़कीर ने बनाओं। अपनी सोच को बदल सरपंच जी अब लकीर का फ़कीर ने बनाओं।
रथाारूढ़ पति "सूर्य" था, दिशि पश्चिम गंतव्य। पुत्री पर अपराध को, मान रहा भवतव्य। रथाारूढ़ पति "सूर्य" था, दिशि पश्चिम गंतव्य। पुत्री पर अपराध को, मान रहा भवतव...
बाप - बेटी के संबंध पर कविता। बाप - बेटी के संबंध पर कविता।