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praveen ohdar

Action Inspirational

4  

praveen ohdar

Action Inspirational

मर्यादा हिंदी की

मर्यादा हिंदी की

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ऐतिहासिक अनुभवों की धरोहर ,

पीठ पर विराजमान बूढ़ी दादी की तरह 

हमारी प्यारी हिंदी।

निहारती उत्सुकता से

चेहरे पर कान्ति, गौरवपू क्षणर्ण आभा लिए

कुछ कहने को बैठी है,

हमारी प्यारी हिंदी।       

खोज की अनंत में दिगंत को निहारती

चलकर वर्तमान संग।

मधु सी मिठास वाली 

कथा पुरखों की वांचती

हमारी प्यारी हिंदी।

हिमालय से हहराती गंगा की तरह,

अंतः स्थल से निकलती भाव की लहरें 

पल्लवित, पुष्पित जिसकी गोद में

सभ्यता अनंत तक

उस तट पर बैठ

लोरियां सुनाती रहेगी

हमारी प्यारी हिंदी।

जो भी जिस रूप में जब भी

आया इसके गांव में

सबने अपना ठौर पाया,

इसकी छांव में।

कोई भी कितना बजा ले गाल अपना

पुरखिन थी, पुरखिन है, पुरखिन रहेगी,

हमारी प्यारी हिंदी।

                 


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