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Madhu Vashishta

Action Inspirational

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Madhu Vashishta

Action Inspirational

क्या कहता है दिल

क्या कहता है दिल

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क्या कहता है दिल?

क्यों याद करता है दिल? वो पुराना समय वह प्यारा समय

फिर से याद आ रहा है अब वो गुजारा समय।

वह पेड़ों पर चढ़ना, खेलना सड़कों पर।

बिंदास घूमना, कभी खेतों में

कभी सड़क पर।

घर की कोई भी सीमा ही नहीं थी।

जिसके चाहे बैठो जिसके घर भी जाओ

किसी के घर पर भी खा लो मनाही नहीं थी।

आंटी अंकल हम जानते थे नहीं तब।

भाभी ,चाची ,मौसी नानी ,ताई ही थी सब।

हर घर में आंगन था खुली थी हवाएं।

एसी कूलर की किसी को जरूरत नहीं थी।

जहां चाहो घड़े से पानी तुम पी लो।

प्याऊ भी तो लगभग हर एक गली में थी।

यह बिसलरी यह एक्वा हम सब तब क्या जाने?

हमारे लिए तो कहीं भी पानी की कहीं भी कमी नहीं थी।

घर के आंगन में सब चारपाई डाल के थे सोते ,     

प्राइवेसी की किसी को जरूरत नहीं थी।

वह दादी के किस्से वह नानी की कहानियां

टीवी मोबाइल की जरूरत ही नहीं थी।

व्हाट्सएप से मैसेज हमारे चौपाल से थे फैलते।

खबर हमको सब के बारे में ही पूरी थी।

सुख दुख में हम सब इकट्ठे हो जाते।

मुसीबत में हम सब थे एक दूसरे के काम आते

विलासिता की किसी को जरूरत नहीं थी।

पुराना समय,  वह हमारा समय क्यों याद करता है दिल वह गुजारा समय?   



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