नवदुर्गा
नवदुर्गा
मां नवदुर्गा
नौ रूप में नौ दिनों तक होती माता की आराधना,
जो भी पूजे इनको होती उसकी पूरी हर मनोकामना।
समूचे जगत में फैली हुई है तेरी अनुपम महिमा,
न होता कल्याण किसी का तेरी कृपा के बिना।
हे माता शेरावाली हे माता जोतावाली,
पूरी कर दे मुरादें मेरी माता पहाड़ावाली।
तू ही अम्बे तू ही काली तू ही माता जग कल्याणी,
दुष्टों के लिए काल प्रलाप भक्तों के लिए मीठी वाणी।
रूप अनेक तेरे माता तू शैलपुत्री तू ही ब्रह्मचारिणी,
महिषासुर घाती माता तू ही चंड मुंड संहारिणी।
चंद्रघंटा देवी कूष्मांडा स्कंदमाता तू ही जग की अधिष्ठात्री,
कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और तू ही सिद्धिदात्री।
नौ दिन नौ रूप में पूजी जाती माता शेरावाली,
भक्तों की हर पुकार सुनती दुख सारे मिटाने वाली।
मेरे दुखों कष्टों से मुक्ति का मुझको भी वर दे,
जय हो जगतजननी जय मां अम्बे जय मां शारदे।
