जो दूर हुई किसी कारण उसको दिल जीवन में लाना चाहे। जो दूर हुई किसी कारण उसको दिल जीवन में लाना चाहे।
बदलते दौर में हम हिंदी को भूला बैठे हैं। ....... बदलते दौर में हम हिंदी को भूला बैठे हैं। .......
अब समझने लगा हूं, जाता हूं वहाँ जहाँ प्रेम से बुलाते जीमने। अब समझने लगा हूं, जाता हूं वहाँ जहाँ प्रेम से बुलाते जीमने।
बेबस बचपन पुचकार बिना सुना घर परिवार बिना ठौर कहा घरवार बिना। बेबस बचपन पुचकार बिना सुना घर परिवार बिना ठौर कहा घरवार बिना।
शीश नवाकर बासंती पर्व कहलाऊंगा ! शीश नवाकर बासंती पर्व कहलाऊंगा !
मंज़िल है कहीं और उसूल मेरे कम नहीं मंज़िल है कहीं और उसूल मेरे कम नहीं